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गाँधी जी का सबसे करीबी मित्र जिसने उन्हें धोखा दिया

गाँधी जी का एक बहुत ही करीबी मित्र था जिसपर गाँधी जी आँख बन्द कर के विश्वास किया करते थे। जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। जो बचपन से ही उनके साथ रहा था। उनके इस मित्र में वो सारी बुराइयाँ थी जो एक गलत व्यक्ति मे होतीं है। किन्तु गाँधी जी का मानना था कि वह उनके साथ रहकर सुधर जाएगा। वह गाँधी जी को डरपोक तथा स्वयं को बहादुर कहा करता था। वह गाँधी जी को यह कहकर मांस खाने के लिए उकसाया करता था कि मांस खाने से वह उसकी तरह निडर व बहादुर हो जाएंगे। एक बार तो उसने गाँधी जी को मांस खिला भी दिया था परन्तु उसके बाद गाँधी जी ने कभी मांस को छुआ तक नहीं। गाँधी जी के इस दोस्त का नाम शेख महताब था। जब गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका में वहां रह रहे भारतीयों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे थे। तो गाँधी जी ने अपने इस मित्र को भी वहां बुला लिया। वहां पहुंचने पर गाँधी जी ने घर की सारी जिम्मेदारी शेख महताब को सौप दी। कुछ दिनों में शेख इसका गलत फायदा उठाने लगा। वह सबके ऊपर अपना गाँधी का दोस्त होने का रौब झाड़ता था। खुद ऐयाशी करता और दूसरों पर आरोप लगाता था। गाँधी जी इन सब बातों से अनजान थे। एक बार तो उसने गाँध

दक्षिण अफ्रीका में पुलिस के हाथो पीट दिये गये थे गाँधी जी !

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जी हाँ महात्मा गाँधी जब दक्षिण अफ्रीका में थे तब एक बार फुटपाथ पर चलने के कारण वहा की पुलिस के हाथो पीट दिये गये थे। इतना ही नहीं बल्कि पुलिस कांस्टेबल ने उन्हें उठा कर सड़क पर फेंक दिया था। दरअसल 1893 में गाँधी जी एक साल के करार नामे पर दक्षिण अफ्रीका गये थे। बात तब कि हैं जब वह ट्रांसवाल के प्रिटोरिया में थे। ट्रांसवाल में एक नियम था कि कोई भी भारतीय या काला व्यक्ति रात 9 बजे के बाद सड़कों पर नहीं घूम सकता। साथ ही मे काले लोगों को फुटपाथ पर चलने का भी कोई अधिकार नहीं था। फुटपाथ सिर्फ गोरों के लिए ही थी।  उस समय वहां के प्रेसिडेंट क्रूग़र थे और प्रिटोरिया मे ही क्रूग़र का महल था। महल के आसपास सुरक्षा में कुछ सैनिक हुआ करते थे। दरअसल गाँधी जी को पैदल चलने का शौक था। एक दिन गाँधी जी क्रूग़र के महल के पास से गुजर रहे थे, वह अपने ही ख़यालों में खोये हुए थे।तो अचानक चलते चलते वह सड़क से फुटपाथ पर आ गए। थोड़ी ही देर में उन्हें एक जोरदार धक्का लगा और वे सड़क पर आ गिरे। सर उठाया तो सामने क्रूग़र का महल था। इससे पहले कि कुछ कहते सिपाहियों ने बेरहमी से गाँधी जी की पिटाई सुरू कर दी